अनुच्छेद 5 भारत के राज्य क्षेत्र की नागरिकता का वर्णन Article 5 Description Of Citizenship Of The Territory Of India
अनुच्छेद 5 भारत के राज्य क्षेत्र की नागरिकता का वर्णन
Article 5 Description Of Citizenship Of The Territory Of India
✅अनुच्छेद 5 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो भारतीय नागरिकता से संबंधित है। इस अनुच्छेद के तहत यह निर्धारित किया गया है कि भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए किन-किन शर्तों को पूरा करना आवश्यक है।
✅इस अनुच्छेद में 26 जनवरी 1950 से पहले भारत में जन्मे या भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों की नागरिकता की स्थिति को निर्धारित किया गया है। हालांकि, संविधान के प्रारंभिक वर्षों में इस अनुच्छेद के उपखंड (Clauses) नहीं थे, लेकिन इसे बाद में नागरिकता अधिनियम, 1955 द्वारा विस्तार से समझाया गया।
अनुच्छेद 5 - भारतीय नागरिकता का निर्धारण
✅नागरिकता अधिनियम, 1955 में भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के विभिन्न तरीके और शर्तों का विवरण दिया गया है,
जैसे:- जन्म के आधार पर नागरिकता
- वंशानुगत नागरिकता
- प्राकृतिककरण द्वारा नागरिकता
- नागरिकता की पुनः प्राप्ति
✅अनुच्छेद 5 भारतीय संविधान में तब लागू होता है जब भारत में संविधान लागू होता है (26 जनवरी 1950)। यह अनुच्छेद उन व्यक्तियों की नागरिकता को निर्धारित करता है जो 26 जनवरी 1950 से पहले भारतीय उपमहाद्वीप के हिस्से में रहते थे।
✅अनुच्छेद 5 में कोई उपधारा या उपखंड नहीं हैं। यह सीधे तौर पर भारत में जन्मे और वहां निवास करने वाले व्यक्तियों की नागरिकता की स्थिति निर्धारित करता है।
अनुच्छेद 5 में दी गई प्रमुख बातें:
✅ भारतीय नागरिकता: अनुच्छेद 5 के अनुसार, 26 जनवरी 1950 से पहले किसी व्यक्ति ने भारत में जन्म लिया था, या वह व्यक्ति भारत के क्षेत्र में निवास करता था, तो वह भारतीय नागरिक होगा। इसका उद्देश्य नागरिकता के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों को स्थापित करना था, जब भारत स्वतंत्र हुआ था।
✅ भारत में निवास की शर्त : इस अनुच्छेद में यह भी उल्लेख किया गया है कि किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए यह सुनिश्चित करना होगा। कि वह भारत में एक विशेष अवधि सें निवास कर रहा हो।
✅ इस अनुच्छेद के अनुसार, वह व्यक्ति जो 26 जनवरी 1950 से पहले भारत में जन्मा हों और भारत के क्षेत्र में निवास कर रहा हो, उसे भारतीय नागरिक माना जाएगा।
✅ इसके अतिरिक्त, यदि किसी व्यक्ति ने भारत में 26 जनवरी 1950 से पहले एक निर्धारित समय तक निवास किया था, तो उसे भारतीय नागरिक माना जाएगा।
निवास के इस समय का निर्धारण नागरिकता अधिनियम, 1955 में किया गया है, जिसमें नागरिकता की प्रक्रिया और शर्तों को और स्पष्ट किया गया है।
✅ नागरिकता संबंधी अन्य विशेषताएँ : अनुच्छेद 5 में यह भी कहा गया है कि इस समय के बाद की परिस्थितियों में कुछ विशेष परिस्थितियों और शर्तों के तहत नागरिकता के अधिकार निर्धारित होंगे, जो कि नागरिकता अधिनियम, 1955 द्वारा प्रबंधित हैं।
✅ अनुच्छेद 5 में यह भी कहा गया है कि जिन व्यक्तियों का जन्म भारत में हुआ था, और जो भारत में निवास करते थे, उन्हें भारतीय नागरिक माना जाएगा, भले ही उनके पास अन्य देशों की नागरिकता हो।
✅ यह विशेष रूप से ''भारत विभाजन "और ''आधिकारिक स्वतंत्रता'' के संदर्भ में महत्वपूर्ण था, क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों अलग-अलग राष्ट्र बने थे और नागरिकता के सवाल जटिल हो गए थे।
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