भारतीय संविधान का अनुच्छेद 4 Article 4 Of The Indian Constitution

 भारतीय संविधान का अनुच्छेद 4
Article 4 Of The Indian Constitution


यह अनुच्छेद उन प्रावधानों को स्पष्ट करता है जो अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अंतर्गत बनने वाले कानूनों से संबंधित हैं।  

अनुच्छेद 4 यह सुनिश्चित करता है कि भारत के संघीय ढांचे में किसी भी आवश्यक क्षेत्रीय परिवर्तन को लचीलापन और सरलता के साथ किया जा सके, और यह प्रक्रिया संविधान संशोधन की श्रेणी में न आए।

 मुख्य बिंदुओं कि बात करें तो हम जैसे:-

✅ अनुच्छेद 2 और 3 से जुड़े कानून:

 अनुच्छेद 4 उन कानूनों के निर्माण और प्रभाव का विवरण देता है जो भारत में नए राज्यों के निर्माण या सीमाओं के पुनर्गठन के लिए बनाए जाते हैं।

✅ संविधान संशोधन नहीं माना जाएगा:  

 अनुच्छेद 4 स्पष्ट करता है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बने कानूनों को संविधान संशोधन (अनुच्छेद 368) के रूप में नहीं माना जाएगा, भले ही उनके परिणामस्वरूप संविधान में कुछ बदलाव (जैसे अनुसूचियों में परिवर्तन) करने की आवश्यकता हो।

उद्देश्य: 

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नए राज्यों का गठन या सीमा परिवर्तन सुगमता से किया जा सके, बिना संविधान संशोधन प्रक्रिया की जटिलताओं के।

 ✅ प्रक्रिया:

-संसद द्वारा बनाए गए कानून के अनुसार, यदि राज्य की सीमाओं, नाम, क्षेत्रीय विभाजन, या गठन में बदलाव किया जाता है, तो इसके लिए संविधान की पहली और चौथी अनुसूचियों में परिवर्तन किया जा सकता है।

- इन परिवर्तनों को केवल एक सामान्य विधेयक के माध्यम से किया जा सकता है, न कि संविधान संशोधन प्रक्रिया के तहत।

 ✅ उदाहरण:

- 2014 में तेलंगाना राज्य का गठन।

- 2019 में जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित करना।




टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 Article 11 Of The Indian Constitution

अनुच्छेद 12 - राज्य की परिभाषा Article 12 - Definition Of State

चोरी होने पर आप अपने मोबाइल को कर सकते हैं ऑनलाइन ट्रेस You Can Trace Your Mobile Online If It Is Stolen