कॉलेजियम प्रणाली क्या है ? What Is Collegium System ?
कॉलेजियम प्रणाली क्या है ?
What Is Collegium System ?
कॉलेजियम प्रणाली भारत में न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति और पदोन्नति की प्रक्रिया है। यह प्रणाली मुख्यतः सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के चयन के लिए कार्यरत है। भारतीय संविधान के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश 124 के अंतर्गत आते हैं।
कॉलेजियम प्रणाली की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
1. संरचना: -कॉलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य वरिष्ठ न्यायाधीश शामिल होते हैं।
2. नियुक्ति प्रक्रिया:- कॉलेजियम न्यायाधीशों के लिए सिफारिशें करता है, जिन्हें बाद में राष्ट्रपति {अनुच्छेद 124 (2)}द्वारा अनुमोदित किया जाता है। राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति से पहले प्रधानमंत्री और कानून मंत्री से सलाह लेते हैं। कभी-कभी, सरकार उच्चतम न्यायालय की सिफारिशों का भी ध्यान रखती है।
3. पदोन्नति: -यह प्रणाली वरिष्ठता के आधार पर न्यायाधीशों की पदोन्नति के लिए भी जिम्मेदार है। सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है।
4. स्वायत्तता: -कॉलेजियम प्रणाली का उद्देश्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखना है।
5. कार्यकाल:- मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक होता है।
इस प्रणाली पर कुछ आलोचनाएँ भी हैं
जैसे :- यह पारदर्शिता की कमी और राजनीतिक प्रभाव के प्रति संवेदनशीलता। इसके चलते समय-समय पर न्यायपालिका में सुधार
की मांग उठती रही है।
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