निजता को मौलिक अधिकार बनाने की लड़ाई लड़ने वाले जस्टिस ? Justice Who Fought To Make Privacy A Fundamental Right? Indianlaweducatio
निजता को मौलिक अधिकार बनाने की लड़ाई लड़ने वाले जस्टिस ? Justice Who Fought To Make Privacy A Fundamental Right?
जस्टिस पट्टास्वामी :- कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व जज और आधार की वैधता को चुनौती देने वाले मुख्य याचिका करता थे उनकी इस याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार को अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार माना था आधार कार्ड योजना जिसके अधीन भारत सरकार विभिन्न परियोजनों के लिए देश के निवासियों के जनसंख्यिक ( डेमोग्राफिक) तथा जीवमितीय ( बायोमेट्रिक) दोनों की आंकड़े एकत्र और संकलित कर रही थी विभिन्न आधारों पर जिसमें एकांतता के अधिकार का उल्लंघन भी था
जस्टिस पट्टास्वामी का जन्म 8-2-1926 को हुआ निधन 28 -10-2024 को हुआ 1952 में वकालत शुरू की और 1977 में कर्नाटक हाई कोर्ट के जज बने और 1986 में रिटायर हुई
रिटायरमेंट के बाद भी वह सक्रिय रहे कानून के क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती संख्या से वे खुश थे उन्होंने कहा था कि जब मैंने कानून की पढ़ाई की तब मेरी क्क्षा में एक भी महिला नहीं थी आज लाॅ क्लास में महिलाएं शीर्ष पद पर है आज कानून स्नातकों में लगभग 40% महिलाएं हैं
2012 में आधार को लेकर केंद्र सरकार के कार्यकारी आदेश के खिलाफ जनहित याचिका दायर की वे आधार को अनिवार्य बनाने के खिलाफ थे उनका कहना यह था कि इस विशिष्ट पहचान पत्र का कोई काम नहीं है क्योंकि यह वोटर आईडी पैन कार्ड की नकल है उनकी दलील थी कि बायोमैट्रिक डाटा लेना निजता के अधिकार का हनन है और उनका कहना था कि आधार एक्ट अपराधियों की पकड़ के लिए ठीक है लेकिन नागरिकों के लिए बिल्कुल ठीक नहीं हैं
अनुच्छेद 21: - भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण अनुच्छेद है, जो "जीवित रहने का अधिकार" सुनिश्चित करता है। इसके अनुसार, "कोई भी व्यक्ति जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता, सिवाय विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के।" इसका अर्थ है कि किसी भी व्यक्ति को बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता।
इस अनुच्छेद का व्यापक अर्थ है और इसमें न केवल जीवन का अधिकार, बल्कि गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार भी शामिल है। इसने विभिन्न न्यायिक व्याख्याओं के माध्यम से मानवाधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाई है।
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